भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार क्रिकेटर ऋषभ पंत एक बड़े हादसे में बाल-बाल बचे। पंत की कार शुक्रवार 30 दिसंबर की तड़के रुड़की के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गई। तभी बस चालक सुशील कुमार व परिचालक परमजीत वहां आ गए। उन्होंने ही पंत को बचाया और एंबुलेंस बुलाकर उन्हें अस्पताल पहुंचाया। इस सराहनीय कार्य के लिए दोनों को बड़े पुरस्कार मिल चुके हैं।
पानीपत डिपो की ओर से सुशील कुमार और परमजीत को सम्मानित किया गया है। उत्तराखंड सरकार ने भी ऐलान किया है कि वह इन दोनों लोगों को सम्मानित करेगी। सरकार ने कहा कि दोनों ने मानवता के लिए सराहनीय काम किया है।
हादसे के बाद बस कंडक्टर परमजीत ने बताया कि खिड़की से एक व्यक्ति बेहोश पड़ा था। जैसे ही हमने उसे बाहर निकाला, 5-7 सेकंड के बाद कार में आग लग गई और कार जल गई। उनकी पीठ बुरी तरह छिल गई थी। उसके बाद हमने उनसे पूछा कि वह कौन हैं तो उन्होंने कहा मैं क्रिकेटर ऋषभ पंत हूं। मैं कभी क्रिकेट नहीं देखता, मुझे नहीं पता था कि ऋषभ पंत कौन हैं। लेकिन मेरे बस के अन्य लोगों ने ऋषभ पंत को पहचान लिया। इस बयान से साफ है कि अगर 5-7 सेकंड की देरी होती तो कुछ अनहोनी हो जाती।
ऋषभ पंत का एक्सीडेंट रुड़की के पास गुरुकुल नरसन इलाके में हुआ। पंत खुद कार चला रहे थे। हादसे के बाद पंत ने कहा था कि गाड़ी चलाते समय उन्हें नींद आ गई और कार डिवाइडर से टकरा गई और हादसा हो गया। वह कार का शीशा तोड़कर बाहर निकला। इसके बाद कार में आग लग गई।
फिलहाल ऋषभ पंत का देहरादून के मैक्स अस्पताल में इलाज चल रहा है। बताया जा रहा है कि पंत के सिर और पैर में सबसे ज्यादा चोटें आई हैं। इसलिए उनके ब्रेन और स्पाइन का एमआरआई स्कैन भी किया गया। जिसकी रिपोर्ट सामने आ गई है। यह रिपोर्ट फैंस और खुद पंत के लिए बड़ी राहत बनकर आई है। रिपोर्ट नॉर्मल है।
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